आज गणपति बप्पा विराजेंगे, गणेश उत्सव की तैयारियां पूरी हो गई है। श्रद्धा की कोई कमी तो नहीं है, लेकिन कोरोना की वजह से गणेश चतुर्थी की रौनक बाजार से गायब है। पंडाल सजाने का उत्साह नहीं है। करीब 126 साल बाद ऐसा होगा जब लोग घरों में ही गणपति बप्पा की पूजा करेंगे। इससे पहले 1896 में जब प्लेग फैला था, तो लोगों ने घरों में गणपति के कैलेंडर की पूजा की थी।
बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशो
त्सव समन्वय समिति के अध्यक्ष एडवोकेट दहिबावकर का कहना है कि हर साल मुंबई में 12 हजार सार्वजनिक पंडाल लगाए जाते हैं और 2 हजार 470 पंडाल रास्ते पर लगते हैं। लगभग दो लाख गणपति घरों में बैठते हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा
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