प्रशासन में सुधार के कुछ प्रयत्न प्रशासकीय सुधार administrative improvement
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द्वितीय महायुद्ध के बाद संसार के बहुत से देशों में प्रशासन की कार्यकुशलता में सुधार करने के लिए निश्चयात्मक व्यवस्थित एवं संगठित प्रयास किए जा रहे हैं प्रबंधन के क्षेत्र में सुधार की भावना को द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के पश्चात अधिक महत्व प्राप्त हुआ है प्रबुद्ध सेमी वर्ग प्रशासन प्रक्रिया तथा प्रक्रिया एक संगठन स्वचालित यंत्रों का बढ़ता हुआ प्रयोग कर्मचारियों को प्रशांत तथा पुरस्कार एवं प्रशिक्षण योजनाएं तथा निष्पादित किए विकास कार्यक्रम कुछ ऐसी युक्तियां है जो वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रयोग में लाई गई है
प्रशासन में सुधार का यह आधुनिक प्रयास व्यवस्थित रुप से 18वीं शताब्दी से ही प्रारंभ हो गया था का प्रारंभ मुख्यता उद्योग के क्षेत्र में हुआ था 19वीं शताब्दी के अंतिम अंतिम 10 आदमियों में प्रशासनिक सुधार के प्रति प्रारंभ हो गए सुधार आंदोलन से संबंधित कुछ प्रसिद्ध नाम इस प्रकार है फ्रांस के जीरोडोल पैरों में 1708 से 1794 ने आलपिन बनाने की निर्माण प्रणाली का अध्ययन किया किया है इंग्लैंड के चार्ल्स बैबेज 1793 sp से 18 से 71 ईसवी में डिफरेंस इंजन का आविष्कार किया जो आज के इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का पूर्वज है संयुक्त राज्य अमेरिका के हेनरी राशन टाउन 1844 प्रबंधकों द्वारा संगठित रूप अपने अनुभव के नियम का प्रस्ताव किया संयुक्त राज्य अमेरिका के ट्रेलर 18 वैज्ञानिक प्रबंध का प्रतिपादन किया संयुक्त राज्य अमेरिका के हेनरी लॉरेंस गैंणट चार्ट 1861 ईस्वी से 1919 ईस्वी तक अपने गेंट चारट के लिए प्रसिद्ध है यह चार्ट आज कार्य अध्ययन में बहुत प्रयोग किया जाता है फ्रांस के हेनरी फेयोल 1841 ईस्वी से 1925 ईस्वी तक निर्वस्त्र प्रबंध तथा प्रशासन के अध्ययन के लिए विश्लेषणात्मक उपागम का प्रयोग किया था संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्रेंड बनकर दिल ग्रंथ 1848 की बुनियादी अभियान का विकास किया था और संयुक्त राज्य अमेरिका के जॉर्ज एल्टन मेयो 1880 ईस्वी से 1949 ईस्वी तक में प्रसिद्ध होनो्रथ प्रयोग किए थे
कैमरलिसटस
संभवत संभवत या विद्वानों तथा प्रशासकों का पहला समूह था जिसने व्यवस्थित रुप से प्रशासन में रुचि प्रदर्शित किए थे कि इस समूह में जर्मन तथा राष्ट्रीय विद्वान एवं लोक प्रशासन सम्मिलित हैं जो विशेषता 17 वी शताब्दी के दौरान हुए थे इस समूह का सबसे प्रसिद्ध विद्वान और जिनका कैमरा बाद पर उनके ग्रंथों की संख्या दो हजार से ऊपर थी जिनमें से 500 वित्तीय प्रशासन पर ही थे और 500 अन्य विशेष प कैमरा बाद पर उनके ग्रंथों की संख्या दो हजार से ऊपर थी जिनमें से 500 वित्तीय प्रशासन पर ही थे और 500 अन्य विशेष अशासकीय विषयों पर इंग्लिश 164 तो केवल किसी प्रशासन पर ही थे उनकी प्रसिद्ध पुस्तक एवं लिस्ट लाइब्रेरी राजनीतिक अर्थशास्त्र सिद्धांत तथा प्रक्रियाओं विज्ञान तथा लोक प्रशासन प्रखंडों में लिखा गया एक विशाल ग्रंथ है इस पुस्तक के एक ही उदाहरण से यह स्पष्ट हो जाएगा कि प्रबंध की समस्याओं में कैमरालवादी विद्वानों ने किस सीमा तक रुचि ली थी
इसका तात्पर्य यह है कि राजा को सच्चे तथा चतुर्थ कैमरन वादियों की आवश्यकता है इस नाम से हमारा अभिप्राय उन लोगों से है जो उन सभी वस्तुओं का या उनके किसी भाग का मौलिक तथा विशिष्ट ज्ञान रखते हैं जो राज्य में अच्छा प्रबंध बनाए रखने में राजा की सहायता करने के लिए आवश्यक है
वैज्ञानिक प्रबंध
टेलर ने प्रबंध के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया है उसके आगमन से वैज्ञानिक प्रबंध के नवीन युग का श्रीगणेश हुआ टेलर ने समझाया था इस शब्द में प्रयोग नहीं किया है इसे तो 1910 में एक छोटे से समूह में खड़ा है जिसम् गेणट तथा ब्रांडिस सम्मिलित थे किंतु इसका प्रयोग संभवता इससे भी पूर्व हुआ होगा टेलर ने भी इस उपागम का सूत्र प्राप्त नहीं किया है जो देवेश तथा उसे भी पूर्व का है विश्लेषणात्मक वैज्ञानिक उपागम की बड़ी मात्रा में प्रयोग किया गया है एक विराम घड़ी पैमाना तथा पिता लेकर टेलर ने वास्तव में उन दूरियों को नापा जी ने मनुष्य तथा माल तय करते हैं और फलता उसने इस सिद्धांत का विकास किया कि श्रम तथा सामग्री का एक बड़ा प्रतिशत उचित पर्यवेक्षण एवं निर्देशन के अभाव में अनिवार्यता व्यर्थ चला जाता है एक विभाग में यह 80% तक हो सकता है उसने जो परिवर्तन की है उन के फलस्वरुप किसी कार्य में होने वाले समय में कमी हुई अंकों की तुलना करके जो परिवर्तन किए हैं उनके फल स्वरुप किसी कार्य में होने वाले समय की कमी हुई अंकों की तुलना करके उसने मितव्ययता एक पक्षी की है जो उसकी पद्धति के द्वारा मिनट सेंस तथा उनके रूप में प्रकट की गई है
1900 तक लोक तथा व्यक्तित्व दोनों ही प्रशासन परंपरा अनुभव अनुभवजन्य सिद्धांत के आधार पर चलते थे परिस्थिति विशेष के लिए उपयुक्त किसी विवेकपूर्ण तथा मित्र वही प्रणाली को खोज निकालने का कोई संगठित प्रयास नहीं किया गया था इस दिशा परिवर्तन का श्रीगणेश टिलर तथा अन्य व्यक्तियों ने वैज्ञानिक प्रबंधन एवं कार्य कुशलता के आंदोलन द्वारा किया कारखानों के प्रबंध पर तिलक आलेख एक ऐसा ही प्रयत्न था जिसका पहला उद्देश्य पाठक को यह विश्वास दिलाना था कुशलता का इलाज वैज्ञानिक प्रबंध है ना की किसी साधारण मनुष्य को खोजना दूसरे इसका उद्देश्य यह सिद्ध करना था कि सर्वोत्तम प्रबंध ही सच्चा विज्ञान है जो निश्चित विधियों नियमों तथा सिद्धांतों की न्यू पर अवलंबित है और सभी प्रकार की मानवीय क्रियाओं पर लागू हो सकता है टेलर द्वारा वैज्ञानिक प्रबंध संबंधी 4 सिद्धांत निर्धारित किए गए हैं
1अनुभवनजय सिद्धांत की पुरानी रीतियों का स्थान लेने के लिए किसी विधान का विकास
2 वैज्ञानिक चुनाव और कर्मचारियों का प्रगतिशील शिक्षण तथा विकास
3 तदनंतर विज्ञान तथा वैज्ञानिक रीति से चुने कर्मचारियों को परस्पर निकट लाना
4 प्रबंधन एवं मनुष्यों के बीच कार्य का लगभग समान विभाजन
अपनी बात को सिद्ध करने के लिए टेलर ने बेल के द्वारा बुलाई का उदाहरण दिया है किसी प्रथम श्रेणी के कोयला मजदूर के बिल चेक आधार निश्चित रहता है जिसके द्वारा वह दिनभर में सर्वाधिक कार्य करता है यह व्यवहार क्या है क्या कोई प्रथम श्रेणी का का व्यक्ति 5,10,15,20,25,30,या 40 पांडे के बच्चे का भार द्वारा अधिक कार्य कर सकेगा ऐसा प्रश्न है जिसका उत्तर सर्वा सावधानीपूर्वक पूर्वक किए गए प्रयोग द्वारा ही दिया जा सकता है पहले दो-तीन प्रथम श्रेणी के कोयला मजदूरों के लिए गया और ईमानदारी से कार्य करने के बदले उन्हें अतिरिक्त मजदूरी प्रदान की गई फिर कमर्शियल चाबहार को बदलते हुए प्रयोग में दक्ष लोगों द्वारा तारीख की सभी अवस्थाओं का कई सप्ताह तक सावधानी से अवलोकन किया गया अंत में यह निष्कर्ष निकला कि एक प्रथम श्रेणी का व्यक्ति लगभग 21 पाउंड के बेलचा के भाड़ से से दिन भर में सर्वाधिक काम करता था उदाहरण के लिए यह व्यक्ति 24 या 18 पाउंड बेलचा भार की अपेक्षा 21 पौंड के बिरजाभार से प्रतिदिन अधिकतम कोयला डाल सकता था से यह सत्य है कि कोई भी कोयला मजदूर सदैव ही ठीक 21 पाउंड भार के बेलचे को नहीं उठा सकता है यह संभव है कि बेलचा भाड़ में तीन-चार पाउंड की धट बढ हो सकती है किंतु वह दिन भर में उस काबिल चाबहार में किन 4 पॉइंट की गड़बड़ हो सकती है किंतु वह दिन भर में सर्वाधिक कार्य तभी कर सकेगा जब भी उसका बेलचा का भार औसतन 21 पौंड हो
वैज्ञानिक प्रबंध के वास्तव में दो नितांत आवश्यक तत्व है जिनके कर्मचारियों तथा प्रबंध दोनों में दो महत्वपूर्ण तरीकों से एक बड़ी बौद्धिक क्रांति होनी चाहिए प्रथम दोनों को उत्पादन में सहयोग करना चाहिए जिससे अधिकतम बचत हो विरोध तथा हड़तालों के स्थान पर उन्हें मित्रता पूर्ण सहयोग तथा सहायता का अनुगमन करना चाहिए टेलर के अनुसार वैज्ञानिक प्रबंध की दिशा में यह पहला कदम होगा उन्हीं के शब्दों में दोनों पक्षों के बौद्धिक दृष्टिकोण में पूर्ण परिवर्तन संघर्ष के स्थान पर शांति की स्थापना विरोध के स्थान पर हार्दिक सहयोग भ्रातृत्वयुकत सहयोग विरोधी दिशाओं के स्थान पर एक ही दिशा में सहयोग पूर्ण मनोयोग से कार्य करना संडे है युक्त निरीक्षण किया स्थान पर परस्पर विश्वास सचिन के स्थान पर मित्र बनाने का मार्ग अपनाकर ही वैज्ञानिक प्रबंध का विकास किया जाना चाहिए यह दोनों पक्षों को कर्मचारियों अधिकारियों के पुराने व्यक्तित्व निर्णय स्थान पर संस्थान के सभी कार्यों से यथार्थ वैज्ञानिक अनुसंधान तथा ज्ञान के प्रयोग को अनिवार्यता: उच्चतर मानना चाहिए
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